शुभ कर्तरी योग – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण
(Shubha Kartari Yoga in Vedic Astrology)
शुभ कर्तरी योग
🔷 कर्तरी योग क्या होता है?
“कर्तरी” शब्द संस्कृत के “कृ” (कटना/घेरना) से बना है।
कर्तरी योग तब बनता है जब किसी ग्रह या भाव के दोनों ओर स्थित राशियों में ग्रह उपस्थित हों — और वे ग्रह उस मध्य में स्थित ग्रह या भाव को घेरते हों।
कर्तरी योग दो प्रकार के होते हैं:
- शुभ कर्तरी योग (Shubha Kartari Yoga)
- पाप कर्तरी योग (Paap Kartari Yoga)
🌟 शुभ कर्तरी योग क्या है?
जब किसी ग्रह या भाव के दोनों ओर (यानि उससे पहले और बाद की राशियों में) शुभ ग्रह (जैसे बुध, गुरु, शुक्र) स्थित हों, तब शुभ कर्तरी योग बनता है।
इस योग में वह मध्यवर्ती ग्रह या भाव सुरक्षित, संरक्षित और समर्थित माना जाता है। यह योग जातक को मानसिक, भौतिक और सामाजिक रूप से उन्नत बनाता है।
✅ शुभ ग्रह कौन से माने जाते हैं?
- बृहस्पति (गुरु) – ज्ञान, आशीर्वाद, विस्तार
- शुक्र – सौंदर्य, कला, संबंध, भोग
- बुध – बुद्धि, व्यापार, संवाद
- चंद्रमा (यदि शुभ स्थिति में हो) – मन, शांति, लोकप्रियता
🔮 शुभ कर्तरी योग के प्रभाव:
- मध्य में स्थित ग्रह या भाव को शक्ति प्रदान करता है
- जीवन में संतुलन, सहयोग और संरक्षण मिलता है
- जिस भाव में यह योग बने – उससे जुड़े क्षेत्रों में सौभाग्य, सुख, स्थायित्व और विस्तार मिलता है
- जातक को सकारात्मक सोच, अच्छे मित्र, गुरुओं का साथ मिलता है
- मानसिक, शारीरिक और सामाजिक जीवन में स्थिरता
🏠 भावानुसार शुभ कर्तरी योग के संभावित फल:
भाव | योग के फल |
---|---|
1st (लग्न) | आत्मविश्वासी, आकर्षक व्यक्तित्व, जीवन में स्थायित्व |
4th | सुख-संपत्ति, माँ से प्रेम, वाहन व घर का लाभ |
5th | बुद्धिमत्ता, संतान सुख, उच्च शिक्षा में सफलता |
7th | सुंदर और सहयोगी जीवनसाथी, सफल विवाह |
10th | उच्च पद, प्रशंसा, कर्मक्षेत्र में स्थायित्व |
11th | धन लाभ, इच्छाओं की पूर्ति, मजबूत नेटवर्किंग |
🪔 विशेष स्थितियाँ जहां शुभ कर्तरी अत्यंत फलदायक होता है:
- यदि यह योग लग्न, चंद्र या सूर्य को घेरे हुए हो।
- यदि यह योगकारक ग्रहों से बने – जैसे तुला लग्न में शुक्र और गुरु द्वारा।
- यदि शुभ कर्तरी योग के साथ साथ वक्री ग्रहों से बचा हुआ हो।
❗️पाप कर्तरी योग से अंतर:
विषय | शुभ कर्तरी योग | पाप कर्तरी योग |
---|---|---|
बनाने वाले ग्रह | शुभ ग्रह | पाप ग्रह (मंगल, शनि, राहु, केतु) |
प्रभाव | संरक्षण, लाभ | दबाव, बाधा |
जीवन में असर | स्थायित्व और सुख | संघर्ष और देरी |
✨ निष्कर्ष:
शुभ कर्तरी योग एक अत्यंत शुभ और रक्षक योग है, जो कुंडली में जहां बनता है, उस क्षेत्र को समृद्ध और सुरक्षित करता है। यह जातक को धैर्य, सहयोग, सुख-संपत्ति और स्थायित्व प्रदान करता है। यदि यह योग लग्न, चंद्रमा या कर्म भाव को घेरे हुए हो, तो जातक जीवन में ऊँचाइयों को छू सकता है।
👉 यदि आप चाहें, तो मैं आपकी कुंडली देखकर यह देख सकता हूँ कि शुभ कर्तरी योग बना है या नहीं, और यदि बना है, तो उसका भाव, फल और जीवन में प्रभाव क्या होगा।