चंद्र ग्रह कुंडली में – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण 4 days ago

चंद्र ग्रह कुंडली में वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण_Astrologer Nipun _Joshi

चंद्र ग्रह कुंडली में – वैदिक ज्योतिष में विस्तृत विश्लेषण
(Moon in Horoscope – Vedic Astrology)


चंद्र ग्रह- अष्टम भाव में

चंद्र ग्रह- सप्तम भाव में

चंद्र ग्रह- तृतीय भाव में

🌕 चंद्र ग्रह (Moon) का मूल स्वभाव और भूमिका:

विषय विवरण
प्रकृति सौम्य, शुभ ग्रह
तत्व जल (भावनाएं, संवेदनशीलता)
कारक मन, भावनाएं, माता, स्मृति, कल्पना, सौंदर्य, शांति
स्वामित्व कर्क (Cancer) राशि का स्वामी
उच्च का स्थान वृषभ (Taurus) में
नीच का स्थान वृश्चिक (Scorpio) में

चंद्रमा “मन” का प्रतीक है। यह दर्शाता है कि व्यक्ति कैसा सोचता है, कैसा महसूस करता है, और जीवन को किस मानसिक ढांचे से देखता है। कुंडली में चंद्रमा जितना मजबूत होगा, व्यक्ति उतना ही मानसिक रूप से स्थिर, भावनात्मक रूप से संतुलित, और आकर्षक व्यक्तित्व वाला होगा।


🔮 चंद्र ग्रह के शुभ और अशुभ प्रभाव:

जब चंद्रमा मजबूत हो (उच्च का / शुभ दृष्ट / शुक्ल पक्ष में):

  • शांत और संतुलित मन
  • आकर्षक चेहरा और कोमल स्वभाव
  • माता से संबंध अच्छे
  • रचनात्मकता, कल्पना शक्ति
  • लोकप्रियता, जन समर्थन, सौंदर्य प्रेम

⚠️ जब चंद्रमा कमजोर हो (नीच का / पाप दृष्ट / अमावस्या के निकट):

  • मानसिक चिंता, बेचैनी, अवसाद
  • निर्णय लेने में अस्थिरता
  • नींद की कमी या डर
  • माता से दूराव या कष्ट
  • अत्यधिक भावुकता या डरपोक स्वभाव

🏠 चंद्र ग्रह 12 भावों में – संक्षिप्त फल:

भाव चंद्रमा के संभावित फल
1st (लग्न) मनमोहक व्यक्तित्व, भावनात्मक, सौंदर्यवान, कल्पनाशील
2nd वाणी में मधुरता, पारिवारिक लगाव, भोजन प्रिय
3rd भाई-बहनों से भावनात्मक जुड़ाव, लेखन/कला में रुचि
4th माता का सहयोग, मानसिक शांति, अचल संपत्ति से लाभ
5th प्रेमपूर्ण स्वभाव, रचनात्मकता, संतान से लगाव
6th मानसिक चिंता, स्वास्थ्य समस्याएँ, सेवा भावना
7th भावनात्मक जीवनसाथी, रिश्तों में चंचलता
8th गूढ़ विषयों में रुचि, मानसिक उतार-चढ़ाव
9th भाग्यशाली, धार्मिक प्रवृत्ति, गुरु का साथ
10th जनप्रियता, प्रशासन या जनसेवा में रुचि
11th इच्छाओं की पूर्ति, मित्रों से सहयोग
12th अत्यधिक संवेदनशीलता, स्वप्नशीलता, विदेश संबंध

🌓 चंद्रमा और पक्षभेद (Waxing/Waning):

  • शुक्ल पक्ष (Waxing Moon) – जब चंद्रमा पूर्णिमा की ओर बढ़ता है:
    व्यक्ति मजबूत मानसिकता और आत्मविश्वास वाला होता है।
  • कृष्ण पक्ष (Waning Moon) – जब चंद्रमा अमावस्या की ओर घटता है:
    व्यक्ति अधिक भावुक, कल्पनाशील और कभी-कभी चिंता ग्रस्त हो सकता है।

🌿 चंद्र ग्रह को मजबूत करने के उपाय:

  1. चंद्र मंत्र का जाप करें:
    “ॐ सोमाय नमः” या “ॐ चं चन्द्राय नमः” – प्रतिदिन 108 बार
  2. सोमवार का व्रत रखें
  3. चावल, दूध, सफेद वस्त्र और चीनी का दान करें
  4. माँ या माता तुल्य स्त्री का सम्मान करें – चंद्रमा प्रसन्न होता है
  5. सफ़ेद मोती (Moti / Pearl) धारण करें – लेकिन कुंडली देखकर ही
  6. जल में चंद्र दर्शन करें – विशेषकर पूर्णिमा की रात

निष्कर्ष:

चंद्रमा कुंडली में भावनात्मक गहराई, मानसिक स्थिति, और जीवन में शांति या अशांति का मूल कारण होता है।
एक बलवान चंद्रमा व्यक्ति को सहनशील, शांत, रचनात्मक और भावनात्मक रूप से संतुलित बनाता है, जबकि कमजोर चंद्रमा जीवन में असंतुलन, डर और चिंता को बढ़ा सकता है।

👉 यदि आप चाहें, तो अपनी कुंडली में चंद्र की स्थिति, बल, नक्षत्र, दृष्टियों और गोचर के अनुसार मैं विस्तृत व्यक्तिगत विश्लेषण भी कर सकता हूँ।

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