राहु ग्रह के नवमांश कुंडली (D9 Chart) में 12 भावों में फल – वैदिक ज्योतिष में विस्तार से विश्लेषण
नवमांश कुंडली (D9 chart) व्यक्ति की आत्मिक परिपक्वता, विवाह, जीवनसाथी, भाग्य और धर्म से संबंधित सूक्ष्म और गूढ़ संकेत देती है। चूंकि नवमांश धर्म और विवाह का विभाजन चार्ट है, इसलिए यहां स्थित ग्रहों का प्रभाव गहराई में होता है।
राहु (Rahu) एक छाया ग्रह है – यह माया, भ्रम, आकांक्षा, विदेशी तत्व, अचानक परिवर्तन, छल, तकनीकी ज्ञान आदि का प्रतिनिधि है। नवमांश में राहु की स्थिति यह दर्शाती है कि जातक की विवाह, आत्मिक विकास, धर्म या भाग्य के क्षेत्र में किस प्रकार की गूढ़ चुनौतियाँ, भ्रम या विशेषताएँ होंगी।
राहु ग्रह की नवमांश कुंडली के बारह भावों में फल
🔯 राहु नवमांश कुंडली में – 12 भावों में फल
भाव | राहु के संभावित फल (D9 में) |
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1st (लग्न) | रहस्यमयी व्यक्तित्व, विवाह के बाद आत्म-परिवर्तन, दूसरों को आकर्षित करने की क्षमता, आत्म-भ्रम की संभावना |
2nd | ससुराल पक्ष या परिवार में रहस्य या गलतफहमियाँ, वाणी में चतुरता, रिश्तों में द्वैधता |
3rd | साहसी लेकिन कभी-कभी छल से काम लेने वाला, जीवनसाथी के भाई-बहनों से रहस्यमय संबंध |
4th | विवाह के बाद घर-परिवार में अस्थिरता, मानसिक अशांति, विदेशी संपत्ति या प्रवास के योग |
5th | संतान संबंधित भ्रम या चिंता, प्रेम संबंधों में धोखा, गुप्त विद्या में रुचि |
6th | गुप्त शत्रु, विवाह में स्वास्थ्य या ऋण संबंधित समस्याएं, छुपे हुए प्रतिस्पर्धी |
7th (विवाह भाव) | जीवनसाथी विदेशी, अत्यधिक आकर्षक या असामान्य स्वभाव वाला; वैवाहिक जीवन में रहस्य, भ्रम या असंतोष |
8th | गूढ़ विषयों में रुचि, वैवाहिक जीवन में अचानक बदलाव या छिपे हुए विषय; ससुराल पक्ष से रहस्य |
9th | धर्म के unconventional मार्ग, गुरु से विचलन, विदेशी दर्शन या विधर्मिक प्रभाव |
10th | करियर में छल-कपट या राजनीति; विवाह के बाद करियर में बड़ा बदलाव |
11th | गलत मित्रता, इच्छाओं की अधिकता, विदेशी संपर्क से लाभ |
12th | गुप्त प्रेम, विदेश में विवाह या विवाहोपरांत प्रवास; व्यसन या मानसिक भ्रम की प्रवृत्ति |
⚠️ राहु के कुछ महत्वपूर्ण संकेत नवमांश में:
- नवमांश में राहु विवाह से जुड़ी गुप्त चुनौतियों, मानसिक भ्रम, या भाग्य की अनजानी दिशा को दर्शाता है।
- यह कभी-कभी विवाह के कर्मिक ऋण (Karmic baggage) या पूर्व जन्मों के संबंधों का भी संकेत हो सकता है।
- यदि राहु गुरु के साथ हो या गुरु की राशि में हो, तो “गुरु-चांडाल योग” जैसे प्रभाव नवमांश में भी आ सकते हैं – जिससे धर्म या गुरु संबंधी भ्रम होता है।
🌿 राहु नवमांश में हो तो क्या करें (उपाय):
- “ॐ रां राहवे नमः” – रोज 108 बार जाप करें
- राहु से संबंधित वस्तुएँ दान करें: नारियल, नीले वस्त्र, काला तिल, उड़द की दाल
- शनिवार को शनि-राहु पीड़ाओं से मुक्ति हेतु हनुमान जी की पूजा करें
- राहु केतु ग्रह शांति यज्ञ या नवग्रह शांति पूजा कराएँ
- ध्यान, प्राणायाम व ध्यान क्रियाएँ करें – राहु के भ्रम को दूर करने हेतु
✨ निष्कर्ष:
नवमांश में राहु व्यक्ति के विवाह, भाग्य और आत्मिक विकास में गुप्त या अप्रत्याशित परिवर्तन, भ्रम, विदेशी संबंध या तीव्र इच्छाओं को दर्शाता है। यदि राहु शुभ दृष्ट या शुभ योग में हो, तो यह वैवाहिक जीवन में विदेशी कनेक्शन, तकनीकी ज्ञान, और अद्वितीय जीवनसाथी की ओर संकेत करता है। लेकिन यदि राहु पाप दृष्ट हो, तो यह भ्रम, अव्यवस्था या वैवाहिक संघर्ष ला सकता है।
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