शनि की साढ़े साती के फल – वैदिक ज्योतिष में विस्तार से 4 days ago

शनि साढ़े सत्ती _Astrologer Nipun _Joshi

शनि की साढ़े साती के फल – वैदिक ज्योतिष में विस्तार से

शनि की साढ़े साती (Shani Sade Sati) एक महत्वपूर्ण गोचर (transit) है जो जातक के जीवन में गहन प्रभाव डालती है। यह तब प्रारंभ होती है जब शनि जन्म चंद्र राशि (Moon Sign) से एक राशि पहले प्रवेश करता है, और चंद्र राशि व उससे अगली राशि तक गोचर करता है। यह कुल 7.5 वर्षों की अवधि होती है — इसलिए इसे “साढ़े साती” कहा गया है।


शनि साढ़े सत्ती – उपाय, क्या मापदंड हैं फल जांचने का

साढ़े साती की 3 चरणों की व्याख्या:

  1. प्रथम चरण (First Phase – चंद्र से एक राशि पहले):
    • यह शनि का गोचर जन्म राशि से पहले की राशि में होता है।
    • प्रभाव: पारिवारिक कलह, मानसिक अशांति, धन की कमी, यात्रा, कार्य में विलंब।
    • जातक को पूर्व कर्मों के अनुसार प्रारंभिक संघर्ष या तैयारी की स्थिति से गुजरना पड़ता है।
  2. द्वितीय चरण (Second Phase – चंद्र राशि में):
    • सबसे तीव्र चरण माना जाता है।
    • प्रभाव: स्वास्थ्य समस्याएं, नौकरी में अस्थिरता, धोखा, मानसिक तनाव, जीवन में कठिन निर्णय लेने की स्थिति।
    • यह वास्तविक परीक्षण का समय होता है – शनि यहां न्याय करता है।
  3. तृतीय चरण (Third Phase – चंद्र से अगली राशि):
    • जीवन में स्थायित्व व सीख का समय होता है।
    • प्रभाव: समस्याओं से उबरना, कर्म का फल मिलना, स्थायित्व की ओर बढ़ना।
    • यदि जातक ने पहले दो चरणों में मेहनत की हो, तो लाभ मिलने लगता है।

साढ़े साती के सकारात्मक फल (यदि कुंडली में शनि शुभ हो):

  • परिश्रम का फल मिलता है
  • आध्यात्मिक उन्नति
  • धैर्य, अनुशासन और कर्म में प्रगति
  • दीर्घकालिक लाभ
  • जिम्मेदारियों को अच्छे से निभाने की क्षमता

साढ़े साती के नकारात्मक फल (यदि शनि अशुभ हो या पाप प्रभाव में हो):

  • मानसिक तनाव व अकेलापन
  • नौकरी में बाधा या हानि
  • परिवार में कलह या वियोग
  • आर्थिक नुकसान
  • रोग व शारीरिक कष्ट

किस राशि पर कब होता है प्रभाव? (2025 के अनुसार संक्षेप में):

  • शनि वर्तमान में मीन राशि में है (2025 के अनुसार), तो कुंभ, मीन और मेष राशि वालों पर साढ़े साती का क्रमशः अंतिम, मध्य और प्रथम चरण चल रहा है।

साढ़े साती के दौरान उपाय:

  1. शनि मंत्र जाप:
    • “ॐ शं शनैश्चराय नमः” – प्रतिदिन 108 बार
  2. शनिवार को व्रत रखें
  3. शनि को तिल, तेल, काले वस्त्र अर्पित करें
  4. गरीबों व श्रमिकों को दान दें – विशेषतः काले तिल, कंबल, लोहे का सामान
  5. हनुमान जी की आराधना करें – शनि शांत होते हैं

निष्कर्ष:

शनि की साढ़े साती जीवन में एक “कर्म परीक्षा” की अवधि है। यह हमें परिपक्व, अनुशासित और आत्मनुशासित बनाती है। यदि जातक अच्छे कर्म करता है और धैर्य से काम लेता है, तो यह समय अंततः शुभ फल दे सकता है।

अगर आप चाहें, तो मैं आपकी कुंडली देखकर यह बता सकता हूँ कि आपकी साढ़े साती कब प्रारंभ होगी या क्या प्रभाव देगी।

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