🟡 बृहस्पति तृतीय भाव में (Jupiter in the 3rd House) भाव स्वरूप: तृतीय भाव को “पराक्रम भाव”, “साहस, प्रयास, भाई-बहन, संचार, लेखन, कला, यात्रा, और इच्छा शक्ति” का कारक माना जाता है। यह भाव निजी प्रयास, संचार शैली, …
Read more
🟡 बृहस्पति तृतीय भाव में (Jupiter in the 3rd House) भाव स्वरूप: तृतीय भाव को “पराक्रम भाव”, “साहस, प्रयास, भाई-बहन, संचार, लेखन, कला, यात्रा, और इच्छा शक्ति” का कारक माना जाता है। यह भाव निजी प्रयास, संचार शैली, …
Read more🟡 बृहस्पति चतुर्थ भाव में (Jupiter in the 4th House) भाव स्वरूप: चतुर्थ भाव को “सुख स्थान”, “मातृ भाव”, और “गृह, वाहन, शिक्षा, मानसिक शांति, स्थायी संपत्ति” का भाव माना जाता है। यह भाव जीवन के आंतरिक सुख, …
Read more🟡 बृहस्पति पंचम भाव में (Jupiter in the 5th House) भाव स्वरूप: पंचम भाव को “विद्या भाव”, “संतान भाव”, “बुद्धि, रचना, प्रेम, धर्म, पूर्व पुण्य, और भविष्यदृष्टि” का भाव माना जाता है। यह एक त्रिकोण भाव है और …
Read more🟡🔴 बृहस्पति – मंगल युति के फल (Jupiter – Mars Conjunction in Vedic Astrology) बृहस्पति (गुरु) और मंगल (अंगारक) — जब मिलते हैं, तो यह युति “धर्म और पराक्रम”, “ज्ञान और साहस”, “नीति और ऊर्जा” का संगम बनाती …
Read more🟡 बृहस्पति छठे भाव में (Jupiter in the 6th House) भाव स्वरूप: छठा भाव (षष्ठ भाव) को “शत्रु भाव”, “रोग भाव”, और “ऋण भाव” कहा जाता है। यह भाव दैनिक सेवा, प्रतिस्पर्धा, रोग, ऋण, दुश्मन, संघर्ष और संघर्षों …
Read more🟡💠 बृहस्पति – शुक्र युति के फल (Jupiter – Venus Conjunction in Vedic Astrology) बृहस्पति और शुक्र — दोनों ही शुभ ग्रह माने जाते हैं, लेकिन इनका स्वभाव और दृष्टिकोण अलग है। बृहस्पति धर्म, ज्ञान, सदाचार, गुरु और …
Read more🟡 बृहस्पति सप्तम भाव में (Jupiter in the 7th House) भाव स्वरूप: सप्तम भाव को “विवाह भाव”, “साझेदारी”, “जनसंपर्क” और “व्यापारिक जीवन” का कारक माना जाता है। यह भाव व्यक्ति के जीवनसाथी, विवाह सुख, संबंधों, व्यापार में साझेदारी, …
Read more🟡 बृहस्पति अष्टम भाव में (Jupiter in the 8th House) भाव स्वरूप: अष्टम भाव को “आयुष्य भाव”, “गुप्त रहस्य”, “परिवर्तन”, “विरासत”, “रोग-विपत्ति”, “गूढ़ ज्ञान”, और “गूढ़ शास्त्रों” का कारक माना जाता है। यह भाव जीवन के अनदेखे, अप्रत्याशित, …
Read more🟡 बृहस्पति नवम भाव में (Jupiter in the 9th House) भाव स्वरूप: नवम भाव को “भाग्य भाव”, “धर्म भाव”, “गुरु भाव” और “विदेश यात्रा व उच्च शिक्षा भाव” भी कहा जाता है। यह भाव व्यक्ति के भाग्य, धर्म, …
Read more🟡🟩 बृहस्पति – बुध युति के फल (Jupiter – Mercury Conjunction in Vedic Astrology) यह युति “ज्ञान और तर्क”, “धर्म और बुद्धि”, “शास्त्र और व्यवहार” का संगम मानी जाती है। बृहस्पति (गुरु) और बुध (बुद्धि, संवाद) का मिलन …
Read more